साधना की प्रक्रिया क्या है? क्या ये साधना बहुत मुश्किल होती है? क्या गृहस्थ लोग साधना कर सकते हैं? साधना के दौरान क्या करें और गुरु की कृपा कैसे प्राप्त करें। इनके जैसे अनेक सवालों के जवाब हैं इस पोस्ट में।
गुरु से मंत्र दीक्षा प्राप्त करना आपका पहला काम है। गुरूजी आपकी पात्रता पूछने के उपरांत आपको दीक्षा देंगे। सुबह दस बजे के बाद दीक्षा दी जाती है।
कौन मंत्र देता है ?
गुरूजी स्वयं अपने मुख से दीक्षा देते हैं और आप कानों में उसे ग्रहण करते हैं। दीक्षित हो जाने के बाद आपको एक माला प्रतिदिन के हिसाब से साधना चालीस दिन तक करनी है।
क्या साधना निशुल्क है ?
मंत्र दीक्षा और साधना निशुल्क है। इसमें आपको कुछ खर्च करने की आवश्यकता नहीं है। परन्तु यदि कोई साधक आर्थिक रूप से सम्पन्न है और साधना लेने से पहले गुरु दक्षिणा स्वरुप कोई शुल्क देना चाहता है तो उसका भी स्वागत है।
साधना में आवश्यक
साधना के लिए आपको एक शांत जगह चाहिए। दीपक और अगरबत्ती के अलावा कुछ ड्राई फ्रूट देवी या देवता को भेंट करने के लिए और देवी देवता की प्रतिमा आसन माला इन सब चीजों की जरूरत पड़ेगी।
मंत्र जाप कैसे करें।
साधना करने के लिए सबसे पहले एक ज्योति जलाई जाती है। फिर गुरु का ध्यान किया जाता है। कुछ मिनट गुरु का ध्यान करने के उपरांत मंत्र जाप शुरू किया जाता है।
साधना का समय
जो समय पहले दिन आप साधना के लिए चुनते हैं उसे प्रतिदिन एक सा रखें। उदाहरण के लिए यदि आप प्रतिदिन रात दस बजे का समय चुनते हैं तो बिलकुल घडी देख कर दस बजे ही आपको साधना आरम्भ करनी है।
साधना कितने दिन करें ?
चालीस दिन का समय एक मंत्र पर साधना करने के दौरान आप अपने गुरु को प्रतिदिन व्हाट्सअप ग्रुप आदि पर प्रणाम निवेदन कर सकते हैं जिससे पता चले कि आप साधना कर रहे हैं। इस तरह से आपको गुरु की पूर्ण कृपा प्राप्त होगी।
साधना पूर्ण होने के बाद क्या करें ?
जिस कार्य के उद्देश्य के लिए आप साधना कर रहे हैं वो पूरा होने के बाद गुरु से सम्पर्क करें और आगे क्या करना है इसकी आज्ञा ले लें।
बस यही प्रक्रिया है साधना की।