जब आप किसी मंत्र साधना को किसी ख़ास इच्छा पूर्ती के लिए बिना गुरु के आदेश से करते हो तो इसके खतरे उपस्थित होते हैं।
गुरु मदद करने के लिए है। यदि आप समझते हैं कि कोई साधना बिना गुरु के की जा सकती है तो हाँ ये हो सकता है जब तक कि आप स्वयं शुक के अवतार हों। आपको कोई अति प्रतिभाशाली और शक्तिसंपन्न साधक बनना पड़ेगा।
ग्रंथों में अनेक ऐसे उदाहरण हैं कि अंततोगत्वा किसी को गुरु के पास जाना ही पड़ता है। यदि गुरु नहीं है और आप स्वयं कोई ऐसी साधना करते हो जो प्रचंड है तो उसके अपने खतरे हैं।
बेशक किसी को ऐसी साधना करने से बचना चाहिए।